यह मंत्र संजीवनी विद्या की बहुत ही गूढ़ तकनीक है। जिन लोगों को संजीवनी सिंचन से भी लाभ नही होता उनके लिये इसका उपयोग किया जाता है।
कई बार आभामंडल और उर्जा चक्रों में दरारें पड़ जाती हैं। कुछ के आभामंडल और उर्जा चक्रों में छेद हो जाते हैं। जिससे उनकी जीवन शक्ति लीक होती रहती है। कड़े शब्दों में कहा जाये तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई नही।
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इसके शिकार लोगों के काम अटके पड़े रहते हैं। होते होते रह जाते हैं। योग्यतायें, क्षमतायें बेकार साबित होती हैं।
जीवन के हर क्षेत्र में पिछड़ते जाते हैं। कम क्षमता वाले लोग भी उनसे आगे निकल जाते हैं। जिसके हकदार हैं वह उपलब्धि भी नही मिलती। न सम्मान मिलता है न समृद्धि। कई की लाइफ तो दर दर भटकते बीतती है।
इनके उर्जा चक्रों की पंखुड़ियों में जमी नकारात्मक उर्जाओं को निकालने के लिये उनमें चीरे लगाने होते हैं। सफाई के बाद उन्हें उर्जित करके उनके छेदों, रारों को भरना होता है।
इसके लिये संजीवनी सर्जरी का प्रयोग उपयोगी होता है।